नॉन गाँधी पर्सन प्रेजिडेंट साल भर पहले प्रियंका गाँधी को मंजूर था, आज नहीं !

दरअसल साल भर खोज चलती रही, तमाम समीकरण तलाशे गए , इंटरेक्शन हुए लेकिन कोई मौनी मोहन सिंह जी मिले नहीं ! रणदीप सुरजेवाला जी शायद यही कहना चाह रहे थे चूँकि उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रियंका गांधी की एक साल पुरानी टिप्पणी को भाजपा के इशारे पर तूल दिया जा रहा है !
हाल ही में आई एक पुस्तक ‘इंडिया टुमॉरो’ में दावा किया गया है कि प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी की उस बात का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए।और यही बयानवीर रणदीप सुरजेवाला जी को अखर गया ! उन्होंने तुरंत ट्वीट किया, ‘नेहरू-गांधी परिवार ने सत्ता के मोह से दूर, सदा सेवाभाव से कांग्रेस को एक सूत्र में बांधे रखा है। २००४ में सोनिया गांधी ने सत्ता के बजाए पार्टी की सेवा चुनी। २०१९ में राहुल गांधी ने भी दृढ़ विश्वास की हिम्मत दिखाई और कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया।’ और तो और उन्होंने बीजेपी एंगल भी निकाल लिया, मोदी -शाह को भी लपेट लिया, तमाम मीडिया को बीजेपी की कठपुतली भी बता दिया और कहा, ‘हम प्रियंका गांधी की एक वर्ष पुरानी टिप्पणी में अचानक उपजी मीडिया के एक धड़े की रूचि (सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर) के खेल को समझते हैं। आज समय… मोदी-शाह द्वारा भारतीय लोकतंत्र पर किए जा रहे बर्बरतापूर्ण हमले का सामना करने और निडरता से इससे लोहा लेने का है।’
एक और परिवार भक्त गोहिल हैं, चूँकि साहित्य रत्न नहीं हैं सुरजेवाला जी सरीखे , तो उन्होंने साफगोई से कहा कि आज देश के युवा और कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी ही कांग्रेस का नेतृत्व करें।
अब या तो शशि थरूर , जिनका कद सुरजेवाला जी और गोहिल से भी काफी बड़ा है कांग्रेस पार्टी में, बीजेपी में चले गए हैं/जाने वाले हैं या दोनों महानुभावों को पता नहीं है कि मीडिया में बात इसलिए चली चूँकि उन्होंने इस पुस्तक के संदर्भ में प्रियंका गाँधी की कही बात को कल ही ( १८ अगस्त १०.५५ बजे ) इंडोर्स किया था और वह भी ट्वीटर पर ही प्रो कांग्रेस मीडिया द प्रिंट की खबर के साथ ! उसके बाद ही अन्य सारे मीडिया की रूचि जगी इसमें चूँकि सुगबुगाहट तो काफी दिनों से चल ही रही थी !
कांग्रेस की यही समस्या है ! हताशा इस कदर घर कर गयी है कि हर पल मोदी का साया ही नजर आता है ! राजस्थान में जो हुआ जनता ने देखा और समझा भी ! और अब पार्टी के अपनी ही नेत्री की कही हित की बात में बीजेपी का हाथ नजर आ गया या यूँ कहें खोज लिया ! वाकई नेतागण संतुलन खो चुके हैं और सेल्फ गोल ही कर रहे हैं और बार बार कर रहे हैं !
https://theprint.in/politics/agree-with-rahul-that-non-gandhi-should-be-congress-president-priyanka-gandhi-in-new-book/483942/
